सत्ता के मजे के लिए आत्म सम्मान गिरवी रख प्रतिद्वंदी प्रत्याशी के स्वागत को मजबूर हुए विधायक महंत दलीप रावत।
सत्ता का मज़ा कुछ ऐसा होता है कि इंसान अपना आत्म सम्मान तक गिरवी रखने को तैयार हो जाता है। कुछ ऐसा ही हो रहा है इस समय लैंसडौन के विधायक दलीप रावत के साथ। दरअसल विधायक दलीप रावत की पत्नी नीतू रावत ने जिला पंचायत का चुनाव लड़ा था, अब विधायक जी की पत्नी थी तो जीतने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष का प्रत्याशी बनना भी तय था। लेकिन यहाँ मामला उल्टा हो गया, विधायक जी की पत्नी नीतू रावत चुनाव हार गयी और ज्योति पटवाल चुनाव जीत गयी।
भाजपा को अभी तक येन केन प्रकारेण जीत को अपने खाते में दर्ज करने के लिए जाना जाता है। तो यहाँ भी ऐसा ही हुआ, भाजपा हाई कमान ने ज्योति पटवाल को चुनाव जीतते ही अपने पाले में कर लिया, और विधायक जी को उसी ज्योति पटवाल का स्वागत करना राजनितिक मजबूरी हो गया। अब अगर विधायक जी स्वागत ना करते तो हाई कमान की नाराजगी झेलनी पड़ती और सत्ता का स्वाद ही चला जाता, इसलिए विधायक दलीप रावत चुपचाप अपनी प्रतिद्वंदी का स्वागत करने पहुंच गए।